THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHALISA LYRICSL

The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl

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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

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कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

Whosoever provides incense, Prasad and performs arati to Lord Shiva, with Shiv chaisa really like and devotion, enjoys materials joy and spiritual bliss Within this globe and hereafter ascends to the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the suffering of all and grants them shiv chalisa lyricsl Everlasting bliss.

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

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